Ls:no.2
कनची नाई
नाई सदैव पंडित की नकल
पढ़ा कि किस तरह इस न
वजह से ठसने अपनी औ
नी बार अपने शरी
काटनी
तुम इस विषय में कैसे
कैसी की नकल कसा अ
र अपने विचार व्यक्त